मांसाहार का त्याग जरूरी
इस वीडियो के माध्यम से गुरु रणदीप जी ने मांसाहार को निषेध व अमानवीय कर्म बताया है । कुछ मजहबों में मांसाहार को सही बताया गया है जो कि बिल्कुल गलत है । सनातन धर्म में मांसाहार को बिल्कुल ही नकार दिया गया है । मुस्लिम, ईसाई इत्यादि इन धर्मों के लोग मांसाहार का सेवन करते हैं जो वास्तविक धर्म के मार्ग से बिल्कुल विपरीत है । इस्लाम धर्म में तो मांसाहार के नाम पर हलाल का हवाला दिया जाता है कि जिन जानवरों का हम दूध पी सकते हैं उन्हीं का हम मांस खा सकते हैं । मछली खाने वाले लोग कहते हैं अगर हम मछलियां नहीं खाएंगे तो मछलियों की संख्या बहुत अधिक हो जाएगी । कैसे-कैसे तर्क दिए जा रहे हैं केवल अपने स्वार्थ व स्वाद की पूर्ति के लिए ।
इन मूर्ख लोगों को यह नहीं पता कि प्रकृति अपना संतुलन स्वयं ही कर लेती है । चिकित्सा विज्ञान ने भी मांसाहार को निषेध बताया है । अनेकों तरह के रोग जैसे कैंसर, पाचन शक्ति की कमी ,और कोरोना जैसी महामारी मांस खाने का ही परिणाम है ।
मांस खाने वाले लोगों को स्वपन में भी परमात्मा की प्राप्ति नहीं हो सकती । बिना मानवता व इंसानियत के परमात्मा के मार्ग पर नहीं चला जा सकता । मांस खाने से आपके अंदर कामवासना,क्रोध व हिंसक प्रवृत्ति का जन्म होगा जो परमात्मा के मार्ग में बहुत बड़ी बाधा है । इसीलिए सभी जीवों को मांसाहार का त्याग कर देना चाहिए ।