वास्तविक भक्ति की शुरुआत
इस वीडियो के माध्यम से गुरु रणदीप जी ने बताया है कि जब यह जीव भक्ति करने की सोचता है तो वह किसी देवी या देवता की खोज करने लगता है जैसा उसके पूर्वज करते आए हैं । हम रीति-रिवाजों के अनुसार पितरों की व कुल देवी -देवताओं की भक्ति करना आरंभ कर देते हैं । भक्ति का वास्तविक रास्ता क्या है ,वास्तव में किसकी भक्ति करनी चाहिए व हम जिनकी भक्ति कर रहे हैं क्या ये भक्ति करने के योग्य हैं भी या नहीं। ये सभी खोज के विषय हैं। उपवास करना,कुछ दान -पुण्य करना, दीपक जलाना, देवी -देवताओं की उपासना यह सभी भक्ति की केवल शुरुआत मात्र है । लेकिन यह वास्तविक भक्ति नहीं है। मन्दिरों में आरती करने से परमात्मा प्राप्ति नहीं हो सकती । हमारे वेदों , उपनिषदों ,ऋषि-मुनियों , ग्रंथों ,गीता जी ने भक्ति का वास्तविक मार्ग बताया है ।