आत्मा : लिंग भेद से परे
इस वीडियो के माध्यम से गुरु रणदीप जी ने बताया है कि आत्मा लिंग भेद से परे है वो न तो स्त्री है और न ही पुरुष है । स्वयं को फकीर, गुरु ,पीर इत्यादि कहने वाले बोलते हैं कि अगर स्त्री को जीवन मुक्त होना है तो उसे अगले जन्म में पुरुष का चोला धारण करना पड़ेगा । इन लोगों को कोई भी अनुभव नहीं है ये अध्यात्म का संदेश नहीं दे सकते ।
आत्मा के अंदर शरीरों का भेद नहीं होता और वो परमतत्व स्त्री और पुरुष में कोई भेदभाव नहीं करता । अरे जब प्रकृति ही भेदभाव नहीं करती तो परमात्मा कैसे कर सकता है । जब सूर्य का प्रकाश ,नदियां ,हवा ,पानी यह भी भेदभाव नहीं करता तो वो पूर्ण ब्रह्म कैसे ऐसा कर सकता है । आप इतिहास उठा कर देखिए और संतों के वचन सुनकर के देखिए आपको पता चल जाएगा स्त्री और पुरुष में कोई भेद नहीं है । इतिहास में अनेकों- अनेक ऐसी स्त्रियां हुई है जिन्होंने उस पूर्ण परमात्मा को प्राप्त किया ।