साधना शुरुआत , आत्मज्ञान मंजिल (Part-1)
इस वीडियो के माध्यम से गुरु रणदीप जी ने बताया है कि मानव का चोला बहुत ही मुश्किल से प्राप्त होता है । मनुष्य को सत्य और असत्य के ज्ञान के लिए विवेक की आवश्यकता होती है । प्राचीन संत- महात्माओं व ऋषि-मुनियों ने मनुष्य के जीवन के ऊपर बहुत ही खोज की है कि परमात्मा प्राप्ति कैसे हो सके । अलग- अलग संतो की खोज के रास्ते अलग-अलग रहे लेकिन सभी की मंजिल एक ही रही । जब साधक गुरु द्वारा प्राप्त नाम का सुमिरन करता है तो उसने परमात्मा के प्रति लगाव पैदा होना आरंभ हो जाता है।