बुद्धि और विचारों से ऊपर उठे बिना , ह्रदय मे पवित्रता लाए बिना , आप उस तत्वज्ञान को ग्रहण नही कर सकते ।
इस संसार मे दो ही दुख सबसे बड़े है , एक तो पैदा होना और दूसरा इस संसार से चले जाना ।जब तक मोक्ष की प्राप्ति नही होती तब तक ये दुख नही टाले जा सकते ।
यह मन इतना मजबूत है कि शरीर छूटने के बाद भी नही मरता । चाहे आप शरीर मे हो या शरीर के बाहर , अगर आपने मन के ऊपर मजबूत पकड़ बना ली , मन को अगर अपना गुलाम बना लिया तो आपने आध्यात्मिक विकास का रास्ता खोज लिया ।