श्री गोविंद धाम (गतौली) जींद, हरियाणा की स्थापना :- 25 दिसम्बर 2016 को श्री गोविंदधाम की नींव रामेश्वरम् से आऐ ‘‘रामसेतु’’ के पत्थर से रखी गई और आश्रम के निर्माण का कार्य आरंभ हो गया। यह आश्रम एन-एच-71 (नेशनल हाईवे-71), जींद-रोहतक रोड, गाँव गतौली और जुलाना के मध्य स्थित है। 2017, 2018 में आश्रम का निर्माण कार्य लगभग दो वर्षों तक चला और 27 जुलाई, 2018 (गुरू पूर्णिमा) पर सद्गुरु रणदीप हमेशा के लिए यहाँ आ गए। यहाँ अध्यात्म, जागृति, दिव्यता के खेल के साथ लोगों के दुख निवारण एंव न्याय का कार्य आरम्भ हो गया। आश्रम में सभी मूलभूत सुविधाएं प्रत्येक व्यक्ति के लिए निशुल्क हैं। आगंतुक के लिए नहाने, खाने एंव सोने की सभी वयवस्थाएँ उपलब्ध हैं। ध्यान-साधना के लिए विशेष ‘‘ध्यान-कक्ष’’ का निर्माण किया गया है। जब भी आप श्री गोविंद धाम में प्रवेश करते हैं, एक गहरी उर्जा का अनुभव होने लगता है, मन अपने आप शांत होने लगता है, क्योंकि यहाँ पर गुरू तत्व का वास है। ध्यान-साधना के लिए इससे उचित जगह नहीं हो सकती।
यहाँ आने वाले प्रत्येक दर्शनार्थी को गुरूजी के दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त होता है कोई भी किसी भी प्रकार की समस्या हो, अध्यात्मिक या शारीरिक रोगों से सम्बंधित या साधना से सम्बंधित सवाल, सभी समस्याओं का हल किया जाता है। योग्य साधको को ब्रहमसूत्र दीक्षा, नामदान दीक्षा भी दी जाती है। ध्यान के अनेको-अनेक प्रयोग भी सीखाऐं जाते हैं। अगर आप भी ध्यान साधना को जीवन का अभिन्न अंग बनाना चाहते हैं तो यहाँ अवश्य पधारें। अगर आपके अंदर सवालों का समुन्द्र है, कि मैं कौन हूँ? कहाँ से आया हूँ? कहाँ जाऊँ? मरने के बाद क्या होगा? जन्म से पहले क्या था? गुरू कौन है? पूर्ण गुरू कितने हैं? जगतगुरू कौन है? जीवन मुक्ति क्या है? कौन सी साधना करनी चाहिए इत्यादि-इत्यादि अगर आप स्वंय को खोजी मानते हैं, तो आपको यहाँ एक बार तो अवश्य ही आना चाहिए। क्या पता आपकी खोज सरल हो जाए। साधना के लिए आप यहाँ कितने ही लम्बे समय तक रूक सकते हैं।
आश्रम का मुख्य उद्देष्य :- ‘‘मानव जाति को जागृत करके, धर्म की संस्थापना करना है।’’ आश्रम में बीड़ी, सिगरेट, दारू, किसी भी और अन्य प्रकार का नशा, माँसाहार सब निषेध है। यहाँ तो केवल ध्यान, समाधि, प्रेम, नामसुमिरन, निर्विचारता का नशा किया जाता है।