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गौरवशाली सेवादार बनें- श्रीगोविंदधाम गतौली, जींद हरियाणा में हजारों की संख्या में सेवादार कार्यरत हैं। ये सभी सेवादार गुरूजी के आदेश अनुसार पूरी निष्ठा के साथ सेवादान कर रहे हैं। गुरूजी बताते हैं कि सेवा, सत्संग, सुमिरन और समर्पण इन चार चीजों का परमात्मा तक पहुंचने में विशेष योगदान होता है। इनमें सेवा सबसे पहला अंग है, जो तन, मन, धन से धाम के कार्यों के लिए सदैव तत्पर है। वहीं सच्चा सेवादार है। वह हमेशा गुरूजी के शब्दों के अधीन रहता है। जो भी सेवा उसे दी जाती है, उसे वह सेवादार समय का पाबंद रहते हुए पूरा करता है। अपना सत-प्रतिशत योगदान देने की पूरी कोशिश करता है। श्री गोविंदधाम में महिला और पुरूष सेवादारों को अलग -अलग तरह की सेवाएं उपलब्ध हैं। जैसे - भोजन बनाना, भोजन वितरण, बर्तन सफाई, वाहन पार्किंग, शौचालय की सफाई, चिकित्सा संबंधी सेवाएं, रात्रि चौकीदार सेवादार, जैसे सुरक्षा सेवक, धाम की साफ-सफाई संबंधी, बगीचों की देखरेख संबंधी, बिजली उपकरणों से सम्बंधित, गऊशाला संबंधी, निर्माण कार्य संबंधी सेवाएं जूते चप्पलों की साफ-सफाई सेवा, जल सेवा इत्यादि।

सेवा का विशेष महत्त्व:- सेवा करने से सभी इन्द्रियाँ सेवा के कार्य में ही लग जाती है। जिससे यह मन एकाग्र और पवित्र होने लगता है। यह मन बाहर नहीं भटकता। धाम की किसी भी प्रकार की सेवा हरि की सेवा ही है। सेवा करने से जीव के अन्दर शीलता, संतोष, विवेक, दयाभाव, क्षमाभाव, समदृष्टि, निष्कामता, आत्मिक शान्ति इत्यादि गुण उत्पन्न होते हैं। ये सेवाएं दैनिक सेवाओं और पूर्णिमा सत्संग कार्यक्रम सेवाओं के अन्तर्गत आती है। समय-समय पर सेवादार की सेवाएं बदल दी जाती हैं। ताकि सेवादार के अन्दर प्रदान की गई सेवा को लेकर अहम भाव उत्पन्न न हो। गुरूजी कहते हैं कि सबसे बड़ी सेवा तो सुमिरन करना है। इससे सेवादार स्वंय की और अपने गुरू की (हरि की) दोनों की सेवा का फल प्राप्त करता है। यह सेवा श्रीगोविंदधाम गतौली में आप किसी भी समय कर सकते हैं। बिना सुमिरन सेवा के मुक्ति का मार्ग नहीं मिल सकता। अगर आप भी श्रीगोविंदधाम, गतौली में सेवा का मौका चाहते हैं सेवादार बनना चाहते हैं तो यहाँ दिए गए लिंक से ‘‘सेवादार पंजीकरण फोर्म डाउनलोड करें और जमा करवाएं।

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